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शिवसेना अपने विधायकों व सांसदों की बगावत का सामना कर रही है,

शिवसेना अपने विधायकों व सांसदों की बगावत का सामना कर रही है,

अब राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के मुद्दे पर पार्टी के सांसदों में मतभेद की खबर है। इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत के अलग-थलग पड़ने की भी बात कही जा रही है। ज्यादातर सांसद मुर्मू के समर्थन के पक्ष में हैं। 

शिवसेना अपने विधायकों व सांसदों की बगावत का सामना कर रही है, इसलिए वह अभी तक तय नहीं कर पाई है कि उसे मुर्मू या सिन्हा में से किसका समर्थन करना है?

18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू पछ की तरफ से तो वही विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना अपने विधायकों व सांसदों की बगावत का सामना कर रही है, इसलिए वह अभी तक तय नहीं कर पाई है कि वह मुर्मू का साथ दे या फिर सिन्हा इन्मे से किसका समर्थन करना है? पार्टी के कुछ सांसद द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हैं। 

सूत्रों के अनुसार शिवसेना की बैठक में 19 में से 11 सांसदों के पहुंचने पर सवाल उठाए गए। इस बीच केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया कि शिवसेना के 12 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है। 21 जुलाई को नतीजे सामने।

अब नही कोई बात खतरे की, अब सभी को सभी से खतरा हैं.
वहीं संजय राउत ने मंगलवार की सुबह शायर जौन एलिया का एक शेर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अब नही कोई बात खतरे की, अब सभी को सभी से खतरा है।’ ट्वीट में संजय राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र सीएमओ, देवेंद्र फडणवीस, उद्धव ठाकरे और प्रियंका गांधी को भी टैग किया है।

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