भारत का संविधान के कुछ अंस

THE CONSTITUTION OF INDIA
भारतीय संविधान में धारा कितनी है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) में धाराओं की संख्या 511 है। इससे पहले भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
संविधान का क्या अर्थ होता है?
संविधान उन नियमों के समूह या संग्रह को कहा जाता है, जिनके अनुसार किसी देश की सरकार का संगठन होता है। ये देश का सर्वोच्च कानून होता है। आसान शब्दो मे संविधान किसी देश अथवा राज्य की शासन प्रणाली को संचालित करने वाला कानून होता है। यह देश अथवा राज्य का सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख होता है।
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषता क्या है?
इसकी पहली विशेसता यह है की यह विश्व का सबसे बड़ा संविधान है
इस संविधान में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासनिक सेवाएं, निर्वाचन आयोग आदि प्रशासन से संबंधित सभी विषयों पर विस्तार से लिखा गया है। प्रारम्भ में मूल संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी। संविधान में निरंतर संशोधन होते रहते हैं जिससे संविधान का आकार और भी विस्तृत होता जाता है। अलग अलग सरकारे जरूरत के हिसाब से संसोधन करती रहती है |
भारतीय संविधान का क्या महत्व है?
संविधान द्वारा ही किसी राज्य के स्वरूप को निश्चित किया जा सकता है । संविधान ही सरकार के विभिन्न अंगों पर नियंत्रण स्थापित करता है और उन्हें तानाशाह होने से बचाता है । संविधान ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा करता है । हर एक नागरिक को अपने संविधान के प्रति जागरूक रहना और इसे समझना चाहिए |
भारत के संविधान में कितने पेज है?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में कितने शब्द है?
प्रस्तावना में जो प्रारंभिक पांच शब्द हैं संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य . आपको बता दें, ये पांच शब्द हमारे संविधान के स्वरूप को दर्शाते हैं. वहीं प्रस्तावना के अंतिम शब्द वह इसके उद्देश्य को दर्शाते हैं.
भारत के संविधान का वजन कितना है?
संविधान
इण्डिया अर्थात् भारत राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है।
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा, राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है।
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