नितीश कुमार बने cm तेजस्वी यादव बने उप मुख्यमंत्री

पार्टी बदल गई CM नहीं वाहरे नितीश कुमार
आप को बता दे मुख्यमंत्री नितीश कुमार जब बिहार की राजनीति मे पहला नाम था उस वक्त की उनकी छवि एक साफ सुथरा थी लोगो को विशवास था की बिहार मे कुछ बदलाव होगा |
हुआ भी क्यूकी जंगल राज को बदनाम कर के खूब वाहवाही लूटी गई, जनता मे लोकप्रियता बड़ी लोगो ने चुना और आपको बता दे नितीश कुमार एक ऐसे मुख्य मंत्री बन चुके है जीन्होने 22 वर्ष के अंदर 8 बार मुख्य मंत्री पद की सपथ ली है|
नितीश कुमार की कहानी और कुछ बाते जानते है |
नीतीश कुमार का जन्म कुर्मी परिवार में 1 मार्च 1951 मे हुआ| जन्म स्थान हरनौत कल्याण बिगहा नालन्दा नितीश कुमार के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिन्हा (बिहार के पहले उप मूख्यमंत्री) के करीब थे। उनके पिता एक आयुर्वेदिक वैद्य थे। NIT पटना से शिक्षा प्राप्त की, और बाद में राजनीति में चले गए।
नितीश कुमार की प्र्थम बिहार विधानसभा 1985 थी, जिस में वे चुने गये थे। युवा लोकदल के अध्यक्ष 1987 मे बन गए। इसके बाद वे बिहार में जनता दल के सचिव बनाये गए और उसी वर्ष 1989 में वे नौंवी लोकसभा के सदस्य भी चुने गये।
नितीश कुमार 1990 मे पहली बार केन्द्रीय मंत्रीमंडल में कृषि राज्यमंत्री शामिल हुए। एक बार फिर वे 1991 मे लोकसभा के लिए चुने गये और उन्हें इस बार जनता दल का भारत में राष्ट्रीय सचिव चुना गया। कुछ समय के लिए वे केन्द्रीय रेल एवं भूतल परिवहन मंत्री भी रहे और अगस्त 1999 में गैसाल में हुई एक रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया ।
सन 2000 में नितिश बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्हें सिर्फ सात दिनों में त्यागपत्र देना पड़ा। उसी साल वे फिर से केन्द्रीय मंत्रीमंडल में कृषि मंत्री बने। मई 2001 से 2004 तक वे बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय रेलमंत्री रहे। 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने दो सीटों पर बाढ़ एवं नालंदा से अपना पर्चा दाखिल किया लेकिन वे एक सीट बाढ़ की हार गये।
फिर आया इतिहास रचने का वक्त और नवंबर 2005, में नितीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल जो की लालू यादव की पार्टी थी,को बिहार में पंद्रह साल पुरानी सत्ता जिसे जंगल राज का नाम मिला को उखाड़ फेंकने में सफल हुए और मुख्यमंत्री बने। 2010 में बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर वे भारी बहुमत से अपने गठबंधन को जीत दिलाने में सफल रहे और पुन: मुख्यमंत्री बने। 6 august 2022तक सब ठीक ही चल रहा था अचानक नितीश कुमार ने भाजपा को झटका दे कर 9 तारीख को इस्तीफा दे दिया और 10 तारीख को सपथ ग्रहण कर लिया भाजपा को सम्भलने तक नहीं दिया |
बिहार की बहुमत वाली सरकार के आकडे 2022
164 विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार को प्राप्त होगा। इनमें लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के 79, नीतीश कुमार की जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई माले के 12, जीतनराम मांझी की HAM के 4, सीपीएम के 2, सीपीआई के 2 और एक निर्दलीय विधायक है। वहीं, अब तक सत्ता में भागीदारी निभा रहे बीजेपी के 77 विधायक विपक्ष में बैठेंगे