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ब्रिटेन के  नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रक्षा (कलावा) क्यू बांधा इसका महत्व ?

ब्रिटेन के  नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रक्षा (कलावा) क्यू बांधा इसका महत्व ?

ब्रिटेन के  नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रक्षा (कलावा) क्यू बांधा इसका महत्व

ब्रिटेन के  नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रक्षा बांध (कलावा) बांधकर पहले भाषण की करी सुरुवात, रक्षा का महत्व क्या है जिसे कलावा भी कहा जाता है
Rishi Sunak और Kalawa (रक्षा): नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जो बीर्टेन मे अपना पहला भाषण कलाई (गट्टे) पर कलावा (रक्षा)  बांधकर भाषण दिया |  रक्षा, मौली या कलावा एक सूती धागा है जो लाल रंग का होता है कुछ धागे पीले भी होते है , जिसे हिन्दू धर्म मे पवित्र माना जाता है|
हिंदू धर्म में कलावा को पवित्र माना जाता है.
Rishi Sunak और Kalawa (रक्षा/मोली) : ब्रिटेन के पहले भारतीय  और हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने अपना पहला भाषण कलावा धारण करके दिया.  बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटेन का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति हैं. इससे पहले ऋषि सुनक ब्रिटेन की सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके है.  उन्होंने अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिस कारण उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना गया.  इसके पहले ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस थीं. ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदू धर्म में विश्वास रखते हैं. यही वजह है कि वे ब्रिटेन में अपने पहले भाषण के दौरान हिंदू रीति-रिवाज से अपनी कलाई पर लाल धागा (कलावा) मोली बांध कर सुरुवात की

आइये बात करते है  रक्षा सूत्र कलावा बांधने की परंपरा कैसे शुरू हुई इसका महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार,  इंद्र देव और वृत्रासुर का  युद्ध हुआ उस दोरान इंदर की उनकी पत्नी इंद्राणी ने इंद्र की कलाई पर कलावा यानी रक्षा सूत्र बांध कर युद्ध मे भेजा . जिसके अपरान्त इंद्र वृत्रासुर को हराकर सकुशल वापल आए. मान्यतानुसार, तभी से रक्षा सूत्र यानी कलावा मोली बांधने की परंपरा मानी जाती है.

धार्मिक मान्यता के मुताबिक कलावा मोली (रक्षा सूत्र) दो तरह का होता है

हिन्दू धर्म के मुताबिक कलावा दो प्रकार का होता है,  (पहला) 3 प्रकार के रंग होते है जिसे तीनों देवो ब्रम्हा, बिष्णु, महेश का प्रतीक माना जाता है जो की लाल, हरा और पीला होता है | (दूसरे) 5 रंग के धागों का इस्तेमाल किया जाता है. लाल, हरा, पीला, नीला और सफेद. इस कलावे को पंचदेव का प्रतीक माना जाता है पांच देवता गणेश, शक्ति, शिव, विष्णु और सूर्य हैं।

बांधने के नियम क्या है

कलावा बांधते समय मूठी बंद होनी चाहिए, पुरुषो को दाई बाजू और औरतों को बाई बाजू की कलाई पर बांधना चाहिए मोली/ रक्षा सूत्र बांधते समय सिर ढका होना चाहिए वस्त्र से या फिर सिर पर कोई साफ सूत्रा कपड़ा रख लेना चाहिए ऐसा माना जाता है

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी कुछ सामान्य मान्यताओं और कुछ सोश्ल मीडिया जानकारियों पर आधारित है इसकी पूस्टी आईबीसी न्यूज़ आप तक नहीं करता aap जाँच पड़ताल जरूरु करले)

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